2000 फुट चौड़ा ‘सिटी किलर’ Asteroid :
2000 फुट चोड़ें ‘सिटी किलर’ Asteroid से हमारी धरती बाल बाल बची, ये एस्ट्रोइड धरती के काफी नजदीक से गुजरा था अगर ये एस्ट्रोइड हमारी धरती से टकराता तो यह धरती का कोई बह बड़ा शहर बड़ी आसानी से तबाह कर सकता था इस एस्ट्रोइड ने धरती के काफी नजदीक से गुजर कर अब तक से सरे रिकॉर्ड तोड़ दिए है वैसे आप इस एस्ट्रोइड को टेलिस्कोप में देख सकते है
एस्टेरॉयड 2013NK4 के धरती के टकराने से बाल बाल बची है, यह घटना 15 अप्रैल 2024 को होने की सम्भावना थी, नासा के रिपोर्ट के अनुसार ये एस्ट्रोइड चन्द्रमा से धरती की दुरी से करीब आठ गुना ज्यादा दुरी से निकला था, वैसे अंतरिक्ष में यह दुरी को ज्यादा नहीं मन जाता, अगर जरा सा भी दुरी में बदलाव होता तो ये एस्ट्रोइड धरती के किसी बड़े शहर पर मौत बनकर बरसता
वैसे आप इस एस्ट्रोइड को टेलिस्कोप की मदद से देख सकती है ये तस्वीर 15 अप्रैल से 17 अप्रैल की रात के बीच की है पर देखा जाय तोह खतरा अभी टाला नहीं है यह एस्ट्रोइड पांच साल के बाद फिर से धरती के नजदीक से गुजरने की संभावना है तब इसकी दुरी अभी के मुकाबले और भी कम हो जायगी वैसे इस बार इसकी दुरी 32 लाख किलोमीटर और गति 59 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा थी
Asteroid का आकार और दूरी धरती के लिए खतरनाक:
इस एस्ट्रोइड का अकार इतना ज्यादा बड़ा है की यह किसी भी बड़े शहर को बड़ी आसानी से तहस नहस कर सकता है इसके अलावा यह धरती के पर्यावरण को भो तबाह करने की ताक़त रखता है वैसे नासा के अनुसार इस एस्ट्रोइड के धरती पर गिरने के चान्सेस 1000 में से एक है लेकिन इसका आकार और पृथ्वी से इसकी दुरी हमारे धरती के लिए चिंता का विषय बन चुकी है
सूरज के चारों तरफ 378 दिन में लगाता है चक्कर:
नासा के रिपोर्ट के मुताबित 2013NK4 एस्टेरोइड 378 दिन में हमारे सूरज के ऑर्बिट में चक्कर काटता है इसे नासा द्वारा 2013 में पहली बार खोजा गया था तब से लेकर अब तक यह एस्टेरोइड हमारी धरती के पास से 11 बार गुजर चूका है लेकिन इस बार यह धरती के काफी नजदीक आ चूका है और वैज्ञानिक टेलिस्कोप की मदद से इस पर नजर बनाये हुए है वैसे आप भी इस अस्ट्रेरोइड को अपने घरेलु टेलिस्कोप से देख सकते है
125 साल में Earth के सबसे नजदीक आने की भविष्यवाणी:
आज तक के रिपोर्ट के मुताबित ये एस्टेरोइड अगले 125 सालो में धरती के काफी नजदीक आ जायगा और ऐसा माना जाता है की 2055 में ये धरती से केवल 21 लाख किलोमीटर की दुरी पर होगा और अगर चक्कर लगते समय यह एस्टेरोइड किसी अन्य पत्थर से टकरा जाता है या फिर इसकी गति में कोई परिवर्तन होता है तो ये हमारी पृथ्वी के लिए खतरा बन सकता है
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